135+ घर से दूर जाने की शायरी

घर, सिर्फ दीवारों और छत का नाम नहीं होता बल्कि इसमें बसती हैं हमारी यादें, अपनेपन की खुशबू और अपनों का साथ। जब कोई इंसान घर से दूर जाता है, तो उसके दिल में खालीपन और तन्हाई गहरी हो जाती है। यही जज़्बात शब्दों में ढलकर शायरी का रूप लेते हैं, जो दिल की भावनाओं को और गहराई से बयां करते हैं।

इस ब्लॉग में हम आपके लिए घर से दूर जाने की शायरी का खास कलेक्शन लाए हैं, जो न सिर्फ आपकी उदासी और यादों को जुबान देगा बल्कि आपके दिल की बात को शब्दों में पिरोकर और भी असरदार बना देगा। अगर आप भी घर की दूरी को महसूस कर रहे हैं, तो ये शायरियाँ ज़रूर आपके दिल को छू जाएँगी।

घर से दूर जाने की शायरी

घर से दूर जाऊँ तो यादें सताती हैं,
दीवारें भी जैसे मुझे पुकारती हैं।

अपनों से दूरी का ग़म बहुत भारी है,
दिल में बस यादों की तन्हाई सारी है।

वो आँगन, वो चौखट आज भी याद आती है,
घर की खुशबू ही सबसे प्यारी लगती है।

सफ़र कितना भी हसीं क्यों न लगे,
घर से दूर हर खुशी अधूरी लगे।

दूर रहकर भी घर दिल के पास रहता है,
हर धड़कन में अपना अहसास रहता है।

घर से दूर जाने की शायरी 2 Line

घर की चौखट छोड़ जब सफ़र पर निकलते हैं,
यादों के बोझ तले हम रोज़ ही पिघलते हैं।

माँ की दुआओं का सहारा साथ होता है,
वरना घर से दूर हर रास्ता ख़ाली सा होता है।

सपनों की तलाश में हम कितनी दूर आ गए,
पर दिल अब भी उसी आँगन में खोया रह गया।

घर की मिट्टी की महक अनमोल होती है,
दूर रहकर हर घड़ी उसकी याद रोती है।

घर की मिट्टी की महक अनमोल होती है,
दूर रहकर हर घड़ी उसकी याद रोती है।

घर की शायरी इन हिंदी

घर की यादें हर रोज़ तड़पाती हैं,
नींद में भी मुझसे बातें कर जाती हैं।

सफ़र चाहे कितना भी हसीं क्यों न लगे,
घर से दूर हर लम्हा अधूरा लगे।

माँ के आंचल जैसी छाँव कहाँ मिलेगी,
घर से दूर ये दुनिया बस पराई लगेगी।

घर की दीवारें भी तन्हा कर देती हैं,
जब अपनों की यादें आँसू बन देती हैं।

दिल का रिश्ता घर से कभी टूटता नहीं,
चाहे इंसान कहीं भी जाए, ये छूटता नहीं।

घर की याद शायरी इन हिंदी

घर की चौखट छोड़ना आसान नहीं होता,
हर सफ़र अपनेपन से ख़ाली होता।

दूरी ने सिखा दिया जीना तो सही,
पर घर की याद ने चैन कहीं भी न दी।

जिसे छोड़ आया हूँ मैं पीछे कहीं,
वो मेरा घर है, मेरा सब कुछ वही।

परदेश में कितनी भी शोहरत पा लूँ,
घर की मिट्टी से बढ़कर कुछ न पा लूँ।

सपनों की तलाश ने दूर कर दिया,
वरना घर ही मेरी हर मंज़िल था।

निष्कर्ष

हम उम्मीद करते हैं कि घर से दूर जाने की शायरी का यह कलेक्शन आपको जरूर पसंद आया होगा। यदि यह शायरी आपके दिल को छू गई हो, तो इसे अपने उन दोस्तों और अपनों के साथ ज़रूर शेयर करें, जो घर से दूर रहकर काम कर रहे हैं या पढ़ाई कर रहे हैं। शायद यह शायरी उन्हें अपनेपन का एहसास दिला सके।

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