आज की दुनिया में दोगलापन इंसान की फितरत का हिस्सा बन चुका है। लोग सामने दोस्ती का हाथ बढ़ाते हैं लेकिन पीछे से वही लोग धोखा देने से पीछे नहीं हटते। ऐसे हालात में इंसान का भरोसा टूट जाता है और रिश्तों की सच्चाई खुलकर सामने आ जाती है। इसी दर्द और कड़वी हकीकत को लोग दोगलेपन पर शायरी के जरिए बयां करते हैं।
शायरी सिर्फ अल्फ़ाज़ नहीं होती, बल्कि दिल की गहराइयों से निकली वो आवाज़ होती है जो किसी के छल, फरेब और झूठ को उजागर कर देती है। अगर आप भी दोहरे चेहरे वाले लोगों से तंग आ चुके हैं और अपनी बात को दुनिया तक पहुँचाना चाहते हैं, तो यहाँ आपके लिए बेहतरीन दोगलेपन पर शायरी का कलेक्शन है, जो आपके जज़्बात को सही अंदाज़ में बयान करेगा।
दोगलेपन पर शायरी

चेहरों पर मुस्कान, दिल में खंजर छुपा लेते हैं,
दोगले लोग हर मोड़ पर रिश्ते तोड़ जाते हैं।
सच्चाई की महफ़िल में जो कायर निकलते हैं,
वही सबसे ज़्यादा दोगले किरदार निकलते हैं।
कभी दोस्त तो कभी दुश्मन बनकर निभाते हैं,
दोगले लोग हालात के हिसाब से रिश्ते चलाते हैं।

चेहरे पर दोस्ती, दिल में फ़रेब रखते हैं,
दोगले लोग हर जगह अजीब लगते हैं।
सामने से मीठा, पीछे से ज़हरीला,
यही तो होता है दोगलेपन का सिलसिला।

चेहरे पे फरिश्ता, दिल में हैवान,
यही तो है दोगलों की पहचान।
दोगले लोग कभी अपने नहीं होते,
ये बस ज़रूरत के लिए पास होते।

सामने से दोस्ती, पीछे गद्दारी,
यही है दोगलेपन की बीमारी।
दोगले लोग रिश्तों का मज़ाक उड़ाते हैं,
हर पल धोखे के रास्ते अपनाते हैं।
सच्चाई इनको रास नहीं आती,
दोगलों की आदत कभी छुपी नहीं जाती।
दोगले रिश्तेदार शायरी
दोस्ती का नाम लेकर जाल बुनते हैं,
दोगले लोग हर जगह मिलते हैं।
दिखते हैं नेक, पर अंदर से खोटे,
दोगले लोग ही सबसे छोटे।
हर दिन नया चेहरा लगाते हैं,
दोगले लोग नक़ाब छुपाते हैं।
सच्चे दिल वालों को धोखा देते हैं,
दोगले बस ज़हर ही बोते हैं।
रिश्ते निभाना इनके बस की बात नहीं,
दोगले लोगों की कोई औक़ात नहीं।
जो दिल से साफ़ हैं वो कभी गिरते नहीं,
दोगले लोग कहीं टिकते नहीं।
मीठी बोली, मगर चालाक दिमाग,
यही है दोगलेपन का असली फ़रियाद।
दोगलों की दुनिया में भरोसा नहीं चलता,
सच्चाई का रास्ता कभी नहीं पलता।
मुस्कुराते हैं ऐसे जैसे यार हों,
मगर पीछे से काटते हैं जैसे ख़ंजर हों।
दोगले लोगों पर शायरी
साफ़ दिल वाले तो भगवान की देन,
दोगले लोग बस धोखे के चैन।
नकली रिश्ते, नकली बातें,
दोगले लोग हर तरफ़ की मुलाक़ातें।
चेहरे पे मुस्कान, दिल में नफ़रत,
दोगले लोग करते हैं बस सिर्फ़ ग़द्दारी की फितरत।
सामने मिठास, पीछे ज़हर,
दोगलेपन से बढ़कर नहीं कोई कहर।
दोस्ती का नाम लेकर खेलते हैं,
दोगले लोग हर रोज़ बदलते हैं।
सामने हँसी, पीछे वार,
यही है दोगलों का असली व्यापार।
दोगले लोग इंसानियत बेच देते हैं,
बस अपने मतलब के रिश्ते खोज लेते हैं।
असली चेहरा छुपाने की आदत है,
दोगलों को नक़ाब पहनने की इबादत है।
दिल में नफ़रत, जुबां पे प्यार,
दोगलों का यही है व्यापार।
सच्चाई की रौशनी में टिकते नहीं,
दोगले लोग कभी साफ़ दिखते नहीं।
दोगले लोगों पर शायरी 2 Line
रिश्ता निभाना इनसे उम्मीद मत रखो,
दोगलों से हर वक्त सिर्फ़ धोखा ही देखो।
जो असली हैं वो हमेशा अकेले मिलते हैं,
दोगले लोग भीड़ में ही चलते हैं।
सामने झुकते हैं, पीछे काटते हैं,
दोगले हर मौके पर बदलते हैं।
नकली मुस्कान, नकली बातें,
दोगले लोग हर रोज़ मुलाक़ातें।
दिल में ज़हर, हाथों में फूल,
दोगले लोग हमेशा ही क्रूर।
भरोसा इनसे रखना बेकार है,
दोगले तो बस धोखे के हथियार हैं।
सामने से यार, पीछे गद्दार,
दोगले लोग सबसे ख़तर्नाक हथियार।
दोस्ती का नाम लेकर वार करते हैं,
दोगले हर जगह तैयार रहते हैं।
सच्चाई को कभी ये मानते नहीं,
दोगले कभी किसी के रहते नहीं।
रिश्तों को बेचते हैं बाज़ार में,
दोगले जीते हैं सिर्फ़ दिखावे के संसार में।
दोगले इंसान हर जगह मिलेंगे,
मगर सच्चे दिल वाले बहुत कम मिलेंगे।
निष्कर्ष
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह शानदार दोगलेपन पर शायरी का कलेक्शन जरूर पसंद आया होगा। अगर आपको यह दोगलेपन पर शायरी अच्छी लगी हो, तो इसे अपने दोस्तों और सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूलें। ऐसी ही और भी दोगलेपन पर शायरी पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट पर बार-बार ज़रूर आइए।