ज़िंदगी के सफ़र में हर इंसान कभी न कभी ऐसे लोगों से रूबरू होता है, जो अपने स्वार्थ, चालाकी या दोगलेपन के चलते दूसरों को गिराने की कोशिश करते हैं। ये गिरे हुए लोग सामने से कुछ और होते हैं और पीछे से कुछ और, और उनके इसी दोहरेपन पर अक्सर दिल दुखता है। ऐसे अनुभव हमें और मज़बूत बनाते हैं और हमें सिखाते हैं कि किस पर भरोसा करना चाहिए और किससे दूरी बनाए रखना ही बेहतर है।
शायरी दिल की गहराइयों को शब्दों में पिरोने की सबसे ख़ूबसूरत कला है। गिरे हुए लोगों पर शायरी हमें न सिर्फ़ उनके असली चेहरे को उजागर करने का मौका देती है, बल्कि दूसरों को भी आगाह करती है। इस ब्लॉग में आपको बेहतरीन और तीखे अल्फ़ाज़ मिलेंगे, जो इन लोगों की असलियत को बयान करेंगे और आपके जज़्बात को सही अंदाज़ में बयां करेंगे।
गिरे हुए लोगों पर शायरी

गिरे हुए लोग अक्सर रिश्तों को तोड़ जाते हैं,
अपने मतलब के लिए यारों को छोड़ जाते हैं।
चेहरे पर नक़ाब और ज़ुबान पर मिठास,
गिरे हुए लोग ही करते हैं सबसे ज़्यादा विश्वासघात।

दूसरों को गिराने की चालाकी में,
ख़ुद का वजूद मिटा बैठते हैं गिरे हुए लोग।
दोस्ती में भी सौदा ढूँढते हैं,
गिरे हुए लोग हर जगह धोखा बुनते हैं।
औक़ात दिखाने की कोशिश में,
गिरे हुए लोग ही सबसे ज़्यादा बेशर्म निकलते हैं।

जो पीठ पीछे तीर चलाए,
गिरे हुए लोग वही कहलाए।
सच सुनने की ताक़त नहीं रखते,
गिरे हुए लोग ही हमेशा झूठ का सहारा लेते हैं।
सामने मुस्कान, पीछे ज़हर,
गिरे हुए लोग ही रिश्तों के क़ातिल होते हैं।

गिरा हुआ शख़्स वही है,
जो दूसरों की रौशनी देखकर अंधेरा फैलाए।
जिनकी औक़ात बस धोखे तक होती है,
वो गिरे हुए लोग ही सबसे ऊँची बातें करते हैं।
ज़हर से भी ख़तरनाक होते हैं वो,
गिरे हुए लोग जो दोस्ती के नाम पर वार करते हैं।
जिनके दिल में इंसानियत मर चुकी हो,
समझ लो वो लोग बहुत पहले ही गिर चुके हैं।
गिरे हुए लोग अक्सर ऊँचाई की बातें करते हैं,
मगर उनका सच सिर्फ़ ज़मीन पर रेंगता है।
औक़ात छुपा नहीं सकते नक़ाब पहनकर,
गिरे हुए लोग चाहे लाख कोशिश कर लें अंदर से सड़े ही रहते हैं।
मुस्कान दिखाकर धोखा देना जिनकी आदत है,
वो गिरे हुए लोग इंसानियत के सबसे बड़े ख़िलाफ़त हैं।
ज़मीन पर रहकर आसमान की बातें करना,
गिरे हुए लोगों की सबसे बड़ी पहचान है।
वो दोस्ती का नाम लेकर सौदे करते हैं,
गिरे हुए लोग हर रिश्ते को ज़हर भरते हैं।
जिनके किरदार में खोट होता है,
वो गिरे हुए लोग ही सबसे मीठा बोलते हैं।
गिरा हुआ शख़्स आईने से भी डरता है,
क्योंकि सच उसका चेहरा कभी नहीं सहता है।
औक़ात छोटी हो तो सपने भी छोटे रखो,
गिरे हुए लोग दूसरों के सहारे ही जिंदा रहते हैं।
दोस्ती को मज़ाक समझते हैं,
गिरे हुए लोग ही सबसे पहले दग़ा करते हैं।
गिरा हुआ इंसान अपनी जुबान से पहचाना जाता है,
मीठा बोलकर भी वो ज़हर घोल जाता है।
औक़ात में रहना इनका काम नहीं,
गिरे हुए लोग हर बार गिरते हैं, उठना जानते ही नहीं।
पीठ पीछे जहर उगलना इनकी फितरत है,
गिरे हुए लोग सामने आकर खामोश रहते हैं।
गिरा हुआ शख़्स अपने गुरूर में जीता है,
मगर असल में वो दूसरों की दया पर जीता है।
गिरे हुए लोगों से उम्मीद करना ही बेवक़ूफ़ी है,
क्योंकि ये इंसानियत से भी सस्ती चीज़ें बेच देते हैं।
जिनके किरदार की नींव खोखली हो,
वो गिरे हुए लोग हमेशा दूसरों पर कीचड़ फेंकते हैं।
गिरा हुआ इंसान चाहे लाख चेहरे बदल ले,
उसकी औक़ात उसकी आँखों से झलक ही जाती है।
गिरा हुआ शख़्स दोस्ती में सौदा ढूँढता है,
औक़ात में रहकर भी घमंड गढ़ता है।
चेहरा मासूम, दिल में खंजर,
गिरे हुए लोग ही सबसे ज़्यादा ख़ंजर चलाते हैं अंदर।
गिरा हुआ इंसान ही सबसे ऊँचे सपने दिखाता है,
मगर खुद की औक़ात कभी नहीं निभाता है।
जिन्हें अपनी इज़्ज़त का ख़याल नहीं,
वो गिरे हुए लोग ही औरों को बदनाम करते हैं।
गिरे हुए लोग ही दूसरों की ख़ुशियों से जलते हैं,
और अपनी नफ़रत में ही रोज़ जलते हैं।
जो पीठ पीछे गंदगी उछाले,
गिरे हुए वही हैं जो सामने कायर बन जाएँ।
गिरे हुए लोग अपने नाम से नहीं,
दूसरों के बदनाम करने से मशहूर होते हैं।
सच्चाई का सामना करना इनसे नहीं होता,
गिरे हुए लोग झूठ में ही जीते और मरते हैं।
गिरे हुए लोग हमेशा ईर्ष्या में जलते हैं,
और यही जलन उनकी ज़िंदगी को खा जाती है।
गिरा हुआ इंसान ही दूसरों के रहम पर जीता है,
वरना उसके पास खुद का कुछ नहीं होता है।
गिरे हुए लोग हमेशा दूसरों पर उंगली उठाते हैं,
ताकि उनकी खुद की गंदगी छिप जाए।
गिरे हुए लोगों की सबसे बड़ी सज़ा यही है,
कि उन्हें कभी सुकून की नींद नहीं मिलती।
गिरा हुआ शख़्स चाहे लाख चेहरे बदल ले,
असली चेहरा उसकी नज़रों से झलक ही जाता है।
गिरे हुए लोग इंसान नहीं,
बस चलती-फिरती चालें होते हैं।
निष्कर्ष
मुझे पूरा यक़ीन है कि यह शानदार गिरे हुए लोगों पर शायरी का कलेक्शन आपको ज़रूर पसंद आया होगा। इस ब्लॉग में दी गई हर एक शायरी ऐसे गिरे हुए लोगों की असलियत को बयां करती है, जो सामने से कुछ और और पीछे से कुछ और होते हैं। अगर आपको हमारा यह गिरे हुए लोगों पर शायरी का संग्रह अच्छा लगा हो, तो इसे अपने दोस्तों और सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूलें।