हरी साड़ी का नाम सुनते ही आँखों के सामने सावन की हरियाली, पेड़ों की ठंडी छाँव और बारिश की मीठी बूंदों का नज़ारा तैर जाता है। लेकिन जब कोई हसीन चेहरा उस हरी साड़ी में लिपटा सामने आ जाए, तो ये नज़ारा सिर्फ आँखों तक नहीं रुकता, सीधा दिल तक उतर जाता है।
हरी साड़ी सिर्फ एक कपड़ा नहीं, बल्कि एक जादू है जो पहनने वाले को भी खास बना देता है और देखने वाले को भी। यही वजह है कि सदियों से हरी साड़ी इश्क़ और खूबसूरती की पहचान बनी हुई है।
हरी साड़ी पर शायरी
हरे रंग में जब वो इतराती है,
दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं।
हरी साड़ी में जब तेरा जलवा नजर आया,
दिल का हर कोना तेरे रंग में समाया।
हरी साड़ी में तू जब सड़क पर चली,
जैसे धरती पर इंद्रधनुष उतर पड़ी।
तेरे हुस्न का सबूत है ये हरी साड़ी,
देखते ही दिल में उठी इश्क़ की आंधी।
हरी साड़ी में तेरे हुस्न की बारिश हो गई,
दिल की बंजर ज़मीन भी हरी-भरी हो गई।
हरी साड़ी में तेरी चाल का आलम,
जैसे बहारों में उतर आया सावन।
तू हरी साड़ी में ऐसे ढली,
जैसे गंगा में हरियाली का सूरज खिली।
तेरी हरी साड़ी की खुशबू जब हवा में फैली,
दिल ने कहा – बस यही है मेरी सहेली।
हरी साड़ी में तू ऐसे सजी,
जैसे जंगल में उतर आई कोई परी।
हरी साड़ी में तू आई तो लगा,
जैसे सूखी धरती पर पहला सावन गिरा।
तेरी हरी साड़ी और आँखों का नूर,
दोनों ने दिल में बसा दिया एक सुरूर।
हरी साड़ी में वो जब सज गई,
जैसे धरती पर बहार आ गई।
सादगी की मिसाल है वो हसीन,
हरी साड़ी में लगती है कली-सी नाज़नीन।
जब हरी चुनरी हवा में लहराती है,
दिल मेरा बस उसी में खो जाता है।
हरे रंग में वो परी-सी लगे,
जैसे फूलों में तितली जगे।
उसकी हरी साड़ी का जादू छा गया,
दिल मेरा उसी पर फिदा हो गया।
हरे रंग में उसकी मासूमियत निखर आई,
जैसे जंगल में नई हरियाली छा गई।
वो जब हरी साड़ी ओढ़कर मुस्काती है,
जैसे सावन की पहली बारिश आती है।
उसकी चाल हरी साड़ी में कुछ खास लगती है,
जैसे हर कदम पर नई मिठास लगती है।
हरी साड़ी में वो बेमिसाल है,
जैसे फूलों का खिला गुलाल है।
हरी साड़ी में वो चाँद का नूर लगे,
उसकी अदाओं पर दिल मजबूर लगे।
हरे रंग में वो परी जैसी लगे,
मेरी मोहब्बत की वजह जैसी लगे।
हरी चुनरी जब चेहरे को छू जाती है,
मेरी रूह में मिठास भर जाती है।
हरी साड़ी का हर लम्हा खास है,
उसकी हर अदाओं में प्यास है।
वो हरी साड़ी में ख्वाबों का जहाँ लगे,
जैसे गुलाबों में बसा आसमान लगे।
निष्कर्ष
हरी साड़ी सिर्फ़ पहनने का लिबास नहीं, बल्कि एक एहसास है जिसे शब्दों में पूरी तरह बाँधा नहीं जा सकता। इसमें वो जादू है जो आँखों को ठंडक देता है और दिल में मोहब्बत का मौसम ले आता है। चाहे वह गाँव की मिट्टी में लिपटी सादगी हो या शहर की गलियों में बिखरी रौनक, हरी साड़ी हर जगह अपनी अलग ही पहचान छोड़ जाती है। हम उम्मीद करते हैं कि हरी साड़ी पर शायरी आपको जरूर पसंद आई होगी।