135+ फोन नहीं करने पर शायरी

आज के डिजिटल दौर में फ़ोन हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। रिश्तों की मिठास हो या दोस्ती की गहराई, हर एहसास अब कॉल और मैसेज के सहारे जुड़ा रहता है। लेकिन जब अपना कोई ख़ास इंसान फ़ोन नहीं करता, तो दिल में एक अजीब सी कमी और इंतज़ार की कसक महसूस होती है। उस वक़्त दिल चाहता है कि अपनी बात, अपनी उदासी और अपने जज़्बात किसी खूबसूरत शायरी के ज़रिए बयां किए जाएं।

इसी एहसास को और गहराई देने के लिए हम आपके लिए लेकर आए हैं फोन नहीं करने पर शायरी, जहाँ आप अपने दिल की तड़प, शिकायत और मोहब्बत को अल्फ़ाज़ में पिरोकर आसानी से बयां कर सकते हैं।

फोन नहीं करने पर शायरी

तेरा नाम स्क्रीन पर ना आना बहुत खलता है,
तेरा फोन ना आना दिल को तड़पाता है।

इंतज़ार करता हूँ तेरे कॉल का हर रोज़,
तू भूल जाती है, मगर दिल याद करता है रोज़।

फोन की घंटी जब बजती नहीं है,
तेरी यादें तब और भी तंग करती हैं।

तेरे बिना मोबाइल सूना लगता है,
तेरे कॉल के बिना दिल अधूरा लगता है।

ना मैसेज, ना कॉल, ना कोई बात,
तेरी खामोशी ही अब देती है सज़ा दिन-रात।

इंतज़ार करता हूँ तेरे फोन का हर रोज़,
तेरी खामोशी बन गई है दिल का रोग।

तू कॉल ना करे ये तेरी आदत है,
पर तेरा इंतज़ार मेरी मोहब्बत है।

ना फोन, ना मैसेज, ना कोई निशानी,
फिर भी तू दिल में रहती है रानी।

घंटी ना बजे, स्क्रीन ना जले,
तेरी यादों से दिल फिर भी धड़के।

तेरे फोन की खनक अब ख्वाब हो गई,
तेरे बिना ये ज़िंदगी उदास हो गई।

फोन उठाकर फिर रख देता हूँ,
तेरे कॉल का सपना सजाता हूँ।

खामोश मोबाइल दिल को रुलाता है,
तेरा फोन ना आना याद दिलाता है।

तेरे कॉल के बिना रात अधूरी है,
जैसे चाँद के बिना चांदनी अधूरी है।

तेरा फोन आएगा ये आस रहती है,
तेरे बिना दिल बहुत बेचैन रहता है।

तू फोन करे या ना करे,
दिल तेरा दीवाना ही रहे।

कॉल का इंतज़ार अब आदत बन गया,
तेरे बिना जीना सज़ा बन गया।

फोन की घंटी जब बजती नहीं है,
तेरी यादें दिल से मिटती नहीं हैं।

तूने फोन ना किया, गिला भी नहीं,
तेरे प्यार पर यकीं कम भी नहीं।

तेरे बिना मोबाइल बेजान लगता है,
तेरे बिना हर दिन सुनसान लगता है।

फोन की खामोशी दिल को तंग करती है,
तेरी यादें हर घड़ी संग रहती हैं।

तेरे कॉल की धुन सुने जमाना,
तेरे बिना दिल को चैन न आना।

ना फोन, ना मैसेज, ना कोई पैगाम,
तेरे बिना वीरान है दिल का जहाँ।

तेरे कॉल की खनक अब याद बन गई,
तेरे बिना हर खुशी बर्बाद बन गई।

मोबाइल हाथ में लिए बैठा रहता हूँ,
तेरे कॉल का सपना देखता रहता हूँ।

तेरी खामोशी सबसे बड़ा दर्द है,
तेरा फोन ना आना दिल का जख्म है।

तेरा नंबर बार-बार देखता हूँ,
पर फोन तेरे नाम का खाली पाता हूँ।

तेरे फोन के बिना दिन फीके लगते हैं,
तेरे बिना लम्हे अधूरे लगते हैं।

कॉल का इंतज़ार करता रहता हूँ,
तेरे बिना तड़पता रहता हूँ।

तेरी आवाज़ ही मेरी जान है,
तेरे फोन के बिना सब वीरान है।

फोन की खामोशी तन्हा कर जाती है,
तेरी यादें आँसू बन बह जाती हैं।

तेरी आवाज़ सुनना दवा सी है,
तेरा फोन ना आना सज़ा सी है।

निष्कर्ष

हमें उम्मीद है कि फोन नहीं करने पर शायरी का यह खूबसूरत कलेक्शन आपके दिल की उस कसक और इंतज़ार को अल्फ़ाज़ देगा, जिसे आप अक्सर अपने अंदर महसूस करते हैं। अगर आपको ये शायरी पसंद आएं, तो इन्हें अपने दोस्तों और अपनों के साथ ज़रूर शेयर करें, ताकि वे भी इस एहसास को करीब से महसूस कर सकें।

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