हमारी ज़िंदगी में पिता का स्थान शब्दों से परे है। वे सिर्फ़ एक सहारा नहीं बल्कि पूरे घर की नींव होते हैं। जब पिता इस दुनिया को छोड़कर चले जाते हैं, तो उनकी कमी शब्दों से बयान करना आसान नहीं होता। उनकी यादें, उनके संस्कार और उनका साया हमेशा हमारे दिल में ज़िंदा रहते हैं। ऐसे ही भावों को व्यक्त करने के लिए स्वर्गीय पिता पर शायरी दिल को छू जाने वाला माध्यम बन जाता है।
स्वर्गीय पिता पर शायरी हमें उनके प्यार, त्याग और अमूल्य सीखों को याद करने का अवसर देती है। यह सिर्फ़ शेर-ओ-शायरी नहीं बल्कि उन अनकहे एहसासों की आवाज़ है, जो हम अपने दिल में हमेशा सँजोए रखते हैं। चाहे वे हमें देख रहे हों या नहीं, उनका आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ रहता है। इन्हीं भावनाओं को शब्दों में पिरोकर हम आपको पेश कर रहे हैं स्वर्गीय पिता पर शायरी का यह कलेक्शन।
स्वर्गीय पिता पर शायरी
पिता की मुस्कान अब सिर्फ़ तस्वीरों में मिलती है,
पर दुआओं में उनकी खुशबू आज भी बसती है।
जब तक साथ थे, समझ न पाए उनकी क़ीमत,
अब यादों में ही जीते हैं उनके बिना हर लम्हा।
पापा का जाना सिर्फ़ एक इंसान का जाना नहीं,
बल्कि घर की धड़कन का थम जाना है।
पिता वो चिराग हैं, जो बुझ जाएं तो भी,
यादों की रोशनी कभी कम नहीं होती।
उनकी बातें आज भी दिल में गूंजती हैं,
लगता है जैसे पापा यहीं आसपास खड़े हों।
पिता का आशीर्वाद अब आसमान से मिलता है,
पर दिल में उनकी कमी हमेशा चुभती है।
ज़िंदगी की राहें अब अकेली लगती हैं,
क्योंकि पापा के बिना मंज़िल अधूरी लगती है।
पिता की छाया खोकर महसूस हुआ,
कि असल में दुनिया कितनी तन्हा है।
पापा का प्यार भगवान का तोहफ़ा था,
जिसे खोकर दिल हमेशा रोता है।
पिता वो आईना हैं, जिसमें बेटा खुद को देखता है,
वो आईना टूट जाए तो दुनिया अधूरी लगती है।
पापा का आशीर्वाद हर मुश्किल को आसान करता था,
अब दुआओं में ही उनसे बात होती है।
जब तक पापा साथ थे, हर दर्द छोटा लगता था,
अब तो छोटी सी चोट भी बड़ा घाव बन जाती है।
पिता की यादें अनमोल खज़ाना हैं,
जिन्हें खोकर इंसान सच में तनहा हो जाता है।
उनका जाना किसी तूफ़ान से कम नहीं था,
जिसने ज़िंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया।
पापा की दुआएँ अब सितारों से मिलती हैं,
जो हर रात हमें सहारा देती हैं।
पिता की तस्वीर दीवार पर मुस्कुराती है,
पर दिल के अंदर उनकी कमी सालों से रुलाती है।
पापा का साथ खोना मतलब,
ज़िंदगी की सबसे बड़ी ताक़त खो देना।
पापा की हँसी अब खामोशी में बदल गई,
पर उनकी यादें दिल से कभी न मिट पाईं।
पापा की यादें आईने सी साफ़ हैं,
हर रोज़ उनमें अपना चेहरा नज़र आता है।
पिता का प्यार किताबों में नहीं मिलता,
वो तो अनुभवों और त्याग में मिलता है।
पापा का सपना ही हमारी मंज़िल है,
उनकी दुआ ही हमारी ताक़त है।
आज भी महसूस होती है वो मजबूत पकड़,
जब पापा मेरा हाथ थामते थे।
पिता की कमी वो खाली जगह है,
जिसे कोई भर नहीं सकता।
पापा का जाना हमें अंदर से तोड़ देता है,
पर उनकी सीख हमें ज़िंदगी जीना सिखाती है।
जब-जब मुश्किलें सामने आती हैं,
पापा की यादें सहारा बन जाती हैं।